कैसे करें : Positive Parenting (सकारात्मक पालन-पोषण)
Table of Contents

Positive Parenting (सकारात्मक पालन-पोषण) क्या होता है ?
सकारात्मक पालन-पोषण एक ऐसी परवरिश शैली है जिसमें माता-पिता अपने बच्चों के साथ सम्मान, प्रेम और समझदारी के साथ व्यवहार करते हैं। यह बच्चों को स्वस्थ भावनात्मक, सामाजिक और बौद्धिक विकास के लिए प्रोत्साहित करता है।
इस परवरिश शैली में माता-पिता समस्याग्रस्त व्यवहार को ठीक करने के लिए कठोर दंड का उपयोग नहीं करते , इसके बजाय, वे सकारात्मक बातचीत के माध्यम से सक्रिय रूप से अपने बच्चों की भावनात्मक जरूरतों को पूरा करते हैं।
भारतीय माता-पिता सकारात्मक पालन-पोषण क्यों नहीं कर पाते?
सकारात्मक पालन-पोषण (Positive Parenting) बच्चों को स्वस्थ और खुशहाल जीवन जीने के लिए आवश्यक कौशल और मूल्य प्रदान करता है। लेकिन, कई भारतीय माता-पिता सकारात्मक पालन-पोषण के तरीकों को अपनाने में कठिनाई महसूस करते हैं। इसके पीछे कई कारण हैं:
- सामाजिक और सांस्कृतिक दबाव:
- भारतीय समाज में, बच्चों को अनुशासित और आज्ञाकारी बनाने पर ज़ोर दिया जाता है। इसके लिए माता-पिता अक्सर डर, सजा, और सख्ती का इस्तेमाल करते हैं।
- “अच्छे बच्चे” की परिभाषा अक्सर academic सफलता और सामाजिक मानदंडों का पालन करने तक सीमित होती है।
- उन्हीं माता-पिता को “अच्छे माता-पिता” के रूप में देखा जाता है जो अपने बच्चों को कठोरता से अनुशासित करते हैं।
- शिक्षा और जागरूकता की कमी
- सकारात्मक पालन-पोषण के बारे में जानकारी और प्रशिक्षण आसानी से उपलब्ध नहीं है।
- माता-पिता को अक्सर यह नहीं पता होता कि बच्चों के साथ सम्मान और प्रेम से कैसे व्यवहार करें।
- वे सकारात्मक अनुशासन के तरीकों से अपरिचित होते हैं, जैसे कि पुरस्कार और प्रोत्साहन का उपयोग।
- व्यक्तिगत अनुभव और आघात:
- कई भारतीय माता-पिता स्वयं कठोर पालन-पोषण का अनुभव करते हैं।
- वे वही तरीके अपनाते हैं जो उनके माता-पिता ने उन पर इस्तेमाल किए थे, भले ही वे उनसे सहमत न हों।
- बचपन में हुए आघात और नकारात्मक अनुभव भी उनके पालन-पोषण के तरीकों को प्रभावित कर सकते हैं।
- समय और संसाधनों की कमी:
- व्यस्त जीवनशैली और काम के दबाव के कारण, माता-पिता के पास अपने बच्चों के साथ गुणवत्तापूर्ण समय बिताने और उनसे जुड़ने के लिए कम समय होता है।
- थकान और तनाव भी उन्हें धैर्यवान और शांत रहने में बाधा डाल सकते हैं।
- मानसिक स्वास्थ्य और भावनात्मक समर्थन तक सीमित पहुंच भी एक चुनौती हो सकती है।
क्या आप सकारात्मक पालन-पोषण के लिए तैयार हैं?
सकारात्मक पालन-पोषण के लिए तैयार होने के कुछ संकेत:
- आप बच्चों के प्रति प्रेम और सम्मान रखते हैं
- आप धैर्यवान और शांत रह सकते हैं
- आप अपनी गलतियों को स्वीकार करने और उनसे सीखने को तैयार हैं
- आप खुले विचारों वाले हैं और नई चीजें सीखने को तैयार हैं
- आप अपने बच्चों के साथ मजबूत संबंध बनाना चाहते हैं
- आप अपनी भावनाओं को प्रबंधित कर सकते हैं
यदि आप इनमें से अधिकांश संकेतों से सहमत हैं, तो आप सकारात्मक पालन-पोषण के लिए तैयार हैं।
सकारात्मक पालन-पोषण के मुख्य सिद्धांत:
- प्यार और स्नेह: बच्चों को यह महसूस कराना महत्वपूर्ण है कि आप उनसे प्यार करते हैं और उनकी परवाह करते हैं।
- सम्मान: बच्चों के साथ सम्मान के साथ व्यवहार करें, भले ही वे गलतियाँ करें। उनकी बात सुनें, उनकी भावनाओं को मान्य करें, और उनकी राय को महत्व दें।
- संवाद : अपने बच्चों के साथ खुलकर और ईमानदारी से संवाद करें। उनकी भावनाओं के बारे में बात करें और उन्हें अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए प्रोत्साहित करें। उनके सवालों का जवाब दें, उनकी जिज्ञासा को बढ़ावा दें।
- सशक्तिकरण : अपने बच्चों को चुनाव करने और अपने कार्यों की जिम्मेदारी लेने के अवसर दें। यह स्वायत्तता और आत्मविश्वास की भावना को बढ़ावा देता है। उम्र के हिसाब से छोटे-मोटे फैसलों में उनकी राय लें।
- समय निकालें: अपने बच्चों के साथ गुणवत्तापूर्ण समय बिताएं। उनके साथ खेलें, उनके बारे में बात करें, और उनकी रुचियों में शामिल हों।
- आयु-आधारित स्पष्ट यथार्थवादी अपेक्षाएं: बच्चों को उनकी आयु के अनुरूप स्पष्ट रूप से बताएं कि आप उनसे क्या अपेक्षा करते हैं। नियमों और सीमाओं को निर्धारित करें और उनका लगातार पालन करें।
- अच्छे Role Model बनें : बच्चे अपने माता-पिता से सीखते हैं, इसलिए उनके लिए एक अच्छा रोल मॉडल बनना महत्वपूर्ण है। उन व्यवहारों का प्रदर्शन करें जिन्हें आप उनमें देखना चाहते हैं। जैसे अपनी गलतियों को स्वीकारें ।
- धैर्य और समझ रखें : गलतियों से सीखना एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। धैर्य रखें और उन्हें सुधार करने का मौका दें।
- सकारात्मक माहौल बनाएं : बच्चे अपने आसपास के वातावरण से सीखते हैं। घर पर शांत, तनाव मुक्त, सुरक्षित, प्यार भरा और सकारात्मक माहौल बनाए रखने की कोशिश करें। बच्चों के सामने जल्दबाजी में या गुस्से से बात करने से बचें। उन्हें उनकी उम्र और क्षमता के अनुसार उन्हें जिम्मेदारियां दें, जिन्हें पूरा कर वे सफलता का आनंद ले सकें ।
- विकल्प प्रदान करें : कभी-कभी बच्चों नकारात्मक व्यवहार इसलिए करते हैें क्योंकि उनके पास कोई विकल्प नहीं होता। उन्हें यह महसूस कराने के लिए कि उनका कुछ नियंत्रण है, विकल्प प्रदान करें।
- जीवन कौशल सिखाएं : अपने बच्चों को जीवन में सफल होने के लिए आवश्यक कौशल विकसित करने में मदद करें। इसमें भावनाओं को प्रबंधित करना, संघर्षों को संभालना और स्वस्थ विकल्प चुनना जैसी चीजें शामिल हो सकती हैं।
सकारात्मक पालन-पोषण कब और क्यों करना चाहिए?
सकारात्मक पालन-पोषण जीवन के सभी चरणों में महत्वपूर्ण है, जन्म से लेकर किशोरावस्था तक। यह बच्चों को आत्मविश्वास, आत्म-सम्मान और सामाजिक कौशल विकसित करने में मदद करता है। यह उन्हें स्वस्थ संबंध बनाने, जिम्मेदारी लेने और जीवन में सफल होने के लिए भी तैयार करता है।
- यह बच्चों को खुश और स्वस्थ रहने में मदद करता है।
- यह बच्चों को बेहतर निर्णय लेने में मदद करता है।
- यह बच्चों को तनाव और चिंता का सामना करने में मदद करता है।
- यह बच्चों को मजबूत संबंध बनाने में मदद करता है।
- यह बच्चों को स्कूल में सफल होने में मदद करता है।
- यह बच्चों को जीवन में सफल होने में मदद करता है।
याद रखें, सकारात्मक पालन-पोषण एक यात्रा है, मंजिल नहीं। इसमें समय, प्रयास और धैर्य लगता है। इसमें गलतियाँ करना और उनसे सीखना शामिल है। अपने आप पर और अपने बच्चों पर विश्वास रखें, और आप एक बेहतर माता-पिता बन सकते हैं। कुछ अतिरिक्त सुझाव जो सकारात्मक पालन-पोषण के बारे में आपकी सहायता कर सकते हैं:
- जानकारी और शिक्षा: सकारात्मक पालन-पोषण के बारे में किताबें, लेख, और ऑनलाइन संसाधनों पढ़ें।
- प्रशिक्षण और कार्यशालाएं: सकारात्मक पालन-पोषण पर कार्यशालाओं और प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भाग लें।
- पेशेवर मदद: यदि आपको कठिनाई हो रही है, तो child therapist से सहायता लें।
- अपने माता-पिता और अन्य देखभाल करने वालों से बात करें: उनसे पूछें कि उन्होंने आपको कैसे पाला और उन्होंने क्या और कैसे सीखा।
सकारात्मक पालन-पोषण की कमियां
सकारात्मक पालन-पोषण (positive parenting) के कई फायदे हैं, लेकिन कुछ कमियां भी हो सकती हैं, जिन पर ध्यान देना ज़रूरी है:
- सीमाओं को लेकर असमंजस (Unclear Boundaries): कभी-कभी सकारात्मक पालन-पोषण में बच्चों को “ना” कहना मुश्किल हो जाता है। इससे बच्चे को स्पष्ट सीमाओं का पता नहीं चल पाता और वे हर चीज़ के लिए “हां” की उम्मीद रखने लगते हैं।
- अवास्तविक अपेक्षाएं (Unrealistic Expectations): सकारात्मक पालन-पोषण हमेशा सकारात्मक रहने के बारे में नहीं है। हर समय खुश और सकारात्मक रहने का दबाव बच्चों पर भी पड़ सकता है।
- जिम्मेदारी का अभाव (Lack of Responsibility): कुछ मामलों में, बहुत अधिक सकारात्मक सुदृढ़ीकरण बच्चों को यह महसूस करा सकता है कि उन्हें कभी भी गलती नहीं करनी चाहिए। इससे वे गलतियों से सीखने और खुद को जवाबदेह ठहराने में कमी कर सकते हैं।
- अन्य वयस्कों के साथ व्यवहार (Behavior with Other Adults):घर पर मिलने वाला सकारात्मक माहौल हर जगह नहीं मिलता। स्कूल, दोस्तों के साथ या रिश्तेदारों के यहां बच्चों को अलग तरह के अनुभव हो सकते हैं। उन्हें इस बदलाव को स्वीकारना सीखना होगा।
- समय और प्रयास (Time and Effort): सकारात्मक पालन-पोषण में निरंतर प्रयास और धैर्य की आवश्यकता होती है। हर परिस्थिति में शांत रहना और सकारात्मक दृष्टिकोण रखना माता-पिता के लिए भी चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
यह याद रखना ज़रूरी है कि हर बच्चा अलग होता है और हर परिवार की अपनी परिस्थिति होती है। जरूरी है कि आप इन कमियों को ध्यान में रखते हुए अपने बच्चे के लिए सबसे उपयुक्त तरीका अपनाएं।