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कैसे करें : बच्चों में किताबों के प्रति रूचि बढ़ाएं

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बच्चों का ध्यान लगाने की अवधि उनकी उम्र के साथ बढ़ती है। आमतौर पर बच्चों की ध्यान लगाने की अवधि उनकी उम्र के मिनटों में लगभग दो से तीन गुना होती है। उदाहरण के लिए, 1 साल के बच्चे का ध्यान लगाने की अवधि लगभग 2-3 मिनट हो सकती है, वहीं 5 साल के बच्चे का ध्यान लगाने की अवधि 10-15 मिनट तक हो सकती है।

वैसे ध्यानपूर्वक कोई कार्य/खेल/गतिविधि की अवधि कई कारकों पर निर्भर करती है, जैसे:

  • उनकी रुचि: जो चीज़ उन्हें पसंद आती है, उस पर वे ज़्यादा देर तक ध्यान लगा सकते हैं।
  • पर्यावरण: शांत और कम चीज़ों वाले वातावरण में वे ज़्यादा देर तक ध्यान लगा पाएंगे।
  • उनकी थकान और भूख: अगर बच्चा थका हुआ है या भूखा है, तो उनका ध्यान लगाना मुश्किल हो जाएगा।

किताबों के प्रति रूचि कैसे जगाएं ?

बच्चों में पढ़ने की आदत डालने के लिए उनकी रुचि, सीखने का मज़ेदार अनुभव और निरंतरता अपनाना ज़रूरी है. आइए देखें और भी कैसे उनकी रुचि जगाई जा सकती है:

  1. घर के अंदर आरामदायक library बनाएं: पूरे घर में, बच्चों के आसानी से पहुँच सकने वाले स्थानों पर रंगीन और आकर्षक किताबें रखें। एक कोने को खासतौर पर पढ़ने के लिए बनाया जा सकता है, जहां आरामदायक cushion या छोटी kids table -chair हो.
  2. किताबों को खिलौनों से जोड़ें: छोटे बच्चों के लिए board books या कपड़े की किताबें लाएं जिनमें छूने पर अलग अनुभव हो (textured books). उन्हें पलटने और किताबों के साथ खेलने दें. कहानियों से जुड़े हुए puzzles या soft toys लाने से भी उनकी दिलचस्पी बढ़ेगी।
  3. हर किताब को एक नया अनुभव बनाएं: अलग-अलग आवाजों और मजेदार चेहरों का इस्तेमाल करें, कहानी पढ़ते समय उसी के हिसाब से acting करें. कभी torch की रोशनी से किताब दिखाएं तो कभी रात में धीमे स्वर में पढ़कर उन्हें सुनाएं।
  4. किताबों को ज़िंदगी से जोड़ें: जब आप पार्क में जाएं, तो वहां के पेड़-पौधों के बारे में किताब पढ़कर सुनाएं. या फिर, जब आप साथ मिलकर खाना बना रहे हों, तो उससे जुड़ी हुई कोई किताब देखें। इससे उन्हें किताबों की बातें असल जिंदगी में भी नज़र आने लगेंगी।
  5. खुद कहानियां सुनाएं: सिर्फ किताबें पढ़ने तक ही सीमित न रहें, खुद भी बच्चों के लिए कहानियां गढ़ें। इससे उनकी कल्पनाशीलता का विकास होगा और वे कहानियों के साथ खुद को जोड़ पाएंगे।
  6. पढ़ने की आदत बनाएं: दिनचर्या में एक खास समय निकालें, जैसे सोने से पहले का समय, जब आप साथ बैठकर किताब पढ़ सकें। इससे उन्हें पता चलेगा कि कब किताब पढ़ने का वक्त है और वे भी किताब पढ़ने के लिए तैयार रहेंगे।
  7. आप भी पढ़ने का शौक दिखाएं: बच्चों को आप देखकर सीखने की आदत होती है। इसलिए, उनके सामने खुद भी किताबें पढ़ा करें। साथ में किताबों की दुकान जाएं और उन्हें नई किताबें चुनने में मदद करें। इससे उन्हें किताबों के प्रति और भी लगाव होगा।
  8. उनकी पसंद का ख्याल रखें: यह जानने की कोशिश करें कि उन्हें किन चीजों में रुचि है। अगर उन्हें जानवर पसंद हैं, तो जानवरों के बारे में ही किताबें लाएं। या फिर अगर उन्हें गाड़ियों का शौक है, तो वाहनों के बारे में किताबें दिलाएं। उनकी पसंद की किताबें मिलने से उनकी दिलचस्पी और बढ़ेगी।
  9. उन्हें शामिल करें और सवाल पूछने दें: उन्हें कहानी के पन्ने खुद पलटने दें, भले ही वे क्रम से न पलटें। उन्हें तस्वीरों को छूने दें और उनके मन में आने वाले सवाल पूछने दें। उनकी जिज्ञासा को जगाएं और जवाब देने के साथ-साथ और सवाल पूछकर उनकी सोचने की शक्ति को भी बढ़ाएं।

याद रखें, बच्चों को किताबें पसंद आने में समय लग सकता है। निरंतर प्रयास करें, उनकी रुचि के अनुसार किताबें चुनें और सबसे ज़्यादा तो किताब पढ़ने का मज़ा लेना सिखाएं!


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